उत्तर प्रदेश का एक गांव : सीतापुर से सरकारी कामकाज, हरदोई से रोजमर्रा की जरूरतें | नदी के पार सरकारी गल्ले की दुकान, सहित सभी सरकारी सेवाएं | हरदोई की सब्जी, सीतापुर के दस्तावेज
क्या आपने कभी ऐसा गांव सुना है, जहां के लोग दो जिलों के बीच अपनी जिंदगी बसर करते हों ? सीतापुर जिले के गोहिलारी गांव के लोग इसी अनोखी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
सीतापुर (Sitapur) : सीतापुर जिले के गोहिलारी गांव में नदी की धारा बदलने से ग्रामीणों की जिंदगी मुश्किल हो गई है। यह गांव अब नदी के दूसरी ओर स्थित हो गया है, जहां से हरदोई जिले की सीमा शुरू होती है। इस गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए हरदोई के बाजारों पर निर्भर हैं, जबकि सरकारी कामकाज, थाने, ब्लॉक और जिला कार्यालय तक पहुंचने के लिए उन्हें सीतापुर का रुख करना पड़ता है। जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को या तो नदी पार करनी पड़ती है या लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
सरकारी सुविधाएं और पंचायत का संकट
गोहिलारी गांव के लोगों की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती। गांव का संपर्क सीतापुर की ग्राम पंचायत और सरकारी गल्ले की दुकान से भी कट गया है, क्योंकि ये सब नदी के दूसरी ओर स्थित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि राशन लेने या पंचायत से जुड़े किसी भी काम के लिए उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
हरदोई की सब्जी, सीतापुर के दस्तावेज
गांव के निवासी रोजमर्रा की जरूरतों जैसे सब्जी, कपड़े और अन्य सामान खरीदने के लिए हरदोई जिले पर निर्भर हैं। वहीं, सरकारी कामकाज जैसे कागजी कार्यवाही, बैंकिंग सेवाएं और पुलिस थाने से जुड़े मामलों के लिए उन्हें सीतापुर जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि, “नदी ने हमारे गांव को ऐसा बांटा है कि अब हमें अपने जनपद से सम्बन्धित काम के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है या लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।”
पुल की उम्मीद
गोहिलारी के ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि नदी पर एक पुल का निर्माण किया जाए, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। अगर यह पुल बन जाता है तो सीतापुर के सरकारी दफ्तर, ब्लॉक, पंचायत और राशन की दुकान पर जाना आसान हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि जिम्मेदारों को अवगत कराया गया है उन्होंने आश्वासन दिया है लेकिन समस्या अभी दूर नहीं हुई है।
पूरी खबर देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें - https://youtu.be/tIj4AHKtB-A?si=QWg0N1T0oFHy1Gb9