हरदोई एसपी नीरज जादौन ने पेश की मिसाल, मांगी माफी | एसपी नीरज जादौन का सराहनीय कदम

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उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज जादौन ने अपनी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। हाल ही में पुलिस कार्यालय में एक पीड़िता को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी नीरज जादौन ने तुरंत एक वीडियो जारी कर न केवल पीड़िता से माफी मांगी, बल्कि इस गलती की पूरी जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ली।

उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम अक्सर कठोर रवैये और रौब झाड़ने के लिए चर्चा में आता है, लेकिन हरदोई से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस के संवेदनशील पक्ष को उजागर किया है। 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी और हरदोई के एसपी नीरज कुमार जादौन ने एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अपनी जिम्मेदारी को स्वीकारते हुए वीडियो जारी कर माफी मांगी। उनका यह कदम पुलिस-जनता के रिश्ते को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ी मिसाल है।

क्या है पूरा मामला?

हरदोई के लोनार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी अनूप, जो पुलिस लाइन में फॉलोअर के पद पर कार्यरत हैं, 27 नवंबर को अपनी बहन के साथ बाइक पर घर जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक की टक्कर दूसरी बाइक से हो गई, जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

अनूप का आरोप है कि दुर्घटना के बाद वह थाने में कई बार मदद मांगने गए, लेकिन किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी। इसके बाद अनूप अपनी बहन, जो बुरी तरह से घायल थी और जिसके पैर में इलाज के दौरान लोहे की रॉड डाली गई थी, को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे।

“साहब निकल रहे हैं” और संवेदनहीनता का प्रदर्शन

जब अनूप अपनी घायल बहन को एंबुलेंस में लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे, तो गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने एंबुलेंस को अंदर जाने से रोक दिया। उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि “साहब निकल रहे हैं।” इस असंवेदनशील रवैये के कारण अनूप को अपनी बहन को चादर में लपेटकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक ले जाना पड़ा।

महिला दर्द से कराह रही थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें घायल महिला को चादर पर ले जाते हुए देखा गया। वीडियो ने आम जनता के बीच गहरी नाराजगी पैदा की।

एसपी नीरज जादौन की त्वरित कार्रवाई और माफी

वीडियो वायरल होने के बाद, हरदोई के एसपी नीरज जादौन ने मामले का तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने घटना को “संवेदनहीन” बताया और कहा:

“यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। यह पूरी तरह से मेरी जिम्मेदारी है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।”

इसके साथ ही, एसपी जादौन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी “I am Sorry” लिखा और आश्वासन दिया कि दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

क्यों है एसपी जादौन का कदम काबिले तारीफ?

उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर अपनी कठोरता और पीड़ितों को परेशान करने के लिए जानी जाती है। ऐसी परिस्थितियों में एसपी जादौन का यह कदम न केवल उनकी संवेदनशीलता और ईमानदारी को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन में जनता का भरोसा बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।

एसपी जादौन का यह बयान कि “पुलिस को जनता के प्रति अधिक जिम्मेदार होना चाहिए,” उनके नेतृत्व के गुणों को दर्शाता है। यह घटना यह भी दिखाती है कि सही इरादों के साथ नेतृत्व कैसा होना चाहिए।

जनता की प्रतिक्रिया

हरदोई के लोगों ने एसपी के इस कदम की जमकर तारीफ की। सोशल मीडिया पर लोग न केवल उनकी माफी की सराहना कर रहे हैं, बल्कि इसे एक आदर्श उदाहरण के रूप में देख रहे हैं। ऐसे पुलिस अधिकारी न केवल प्रशासन की छवि सुधारते हैं, बल्कि जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

हरदोई के एसपी नीरज जादौन का यह कदम दर्शाता है कि पुलिस और प्रशासन को जनता के प्रति न केवल जवाबदेह होना चाहिए, बल्कि उनकी समस्याओं को समझने और उन्हें दूर करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। उनकी माफी एक संवेदनशील और जिम्मेदार पुलिस अधिकारी का चेहरा प्रस्तुत करती है, जो समाज में भरोसा और उम्मीद की रोशनी जगाने का काम कर रही है।
यह घटना साबित करती है कि अगर नेतृत्व सही हो, तो प्रशासन और जनता के बीच के फासले को पाटना संभव है।

पूरी खबर को देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे https://youtu.be/xek0Faw_Xbg?si=BC7ZCU0ZmRo_ti5u

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